गुजरात की शिक्षा आज गतिशीलता (वाइब्रेंसी) में है। ग्लोबल एजुकेशन में गुजरात आज भारत का हब बनने जा रहा है और अहमदाबाद उसका नॉलेज कैपिटल बन रहा है।
गुजरात में विशेषकर शहरी इलाकों के अभिभावकों में स्कूल का चुनाव एक उलझन भरा मुद्दा बनता जा रहा है। शिक्षा की भूख, स्पर्धा और बहुआयामी शिक्षा व्यवस्था के चलते बच्चा दो वर्ष का होता है तभी से माता-पिता के लिए यह संघर्ष खड़ा होता है। "कैसी स्कूल का चुनाव करना चाहिए?" इस बारे में कुछ कहूं, इससे पूर्व विविध एफिलिएशन और स्कूल के मॉड्यूल्स को समझने की जरूरत है। गुजरात में जीएसईबी (गुजरात स्टेट एजुकेशन बोर्ड) के प्रमाणपत्र से ९० फीसदी स्कूलें संचालित होती हैं। जिसका पाठ्यक्रम गुजरात की जरूरत, गुजरात की भौगोलिक स्थिति एवं गुजरात के बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया हुआ होता है। इसके अलावा, सीबीएसई (सेन्ट्रल बोर्ड फॉर सेकेन्डरी एजुकेशन) स्कूलें केन्द्रीय कर्मचारियों एवं ऐसे अभिभावकों की संतानों के लिए राष्ट्रीय स्तर का पाठ्यक्रम चलाती हैं जिनका विविध राज्यों में तबादला होता है। इस पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय संस्थाओं की प्रवेश परीक्षाओं, नौकरी की गुणवत्ता और बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है, और ये पाठ्यक्रम अब सभी राज्यों की पढ़ाई में शामिल हो रहा है।
आईसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट फॉर स्कूल एजुकेशन) के तहत चलने वाली स्कूलें ज्यादातर यूके के स्कूल कन्सेप्ट के अंतर्गत चलती हैं और दुनिया के कई देश आईसीएसई बोर्ड के तहत स्कूलें संचालित करते हैं। इस पाठ्यक्रम में भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान जैसे विज्ञान के विषय अपर प्राइमरी से ही पढ़ाए जाते हैं और क्रमशः यह कस्टमाइज्ड कोर्सेज को दाखिल करते जाते हैं।
टीचिंग टेक्नोलॉजी (टीचिंग-लर्निंग) का उपयोग करने वाले इस बोर्ड का स्टडी मटीरियल्स, टीचिंग-लर्निंग, क्लासरूम एनवायर्नमेंट, टेक्नोलॉजीकल सपोर्ट एवं परीक्षा पद्धति स्थानीय स्कूलों से अलग प्रकार की है। संक्षेप में कहें तो स्थानीय स्कूलों में बच्चों की लर्निंग एवं एक्जाम ज्यादातर मेमोरी पर आधारित होता है। वहीं, आईसीएसई स्कूलों में आईक्यू, लॉजिक एवं एप्लीकेशन का अधिक उपयोग होता है। शहर में कैम्ब्रिज एवं एडेक्सेल (Edexel) जैसे आईजीसीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय कोर्सेज हैं। जिसकी व्यवस्था यूके आधारित बोर्ड द्वारा की जाती है। इस एफिलिएशन द्वारा पढ़ने वाले बच्चों को वैश्विक स्कूलों में प्रवेश करने में सरलता रहती है। इसके अलावा, CITA (US) एवं IB Board द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल भी गुजरात में हैं, जो पूर्णतः इंटरनेशनल पाठ्यक्रम का अनुसरण करते हैं। ये स्कूल विदेश से आने वाले और विदेश जाने को इच्छुक बच्चों के लिए अनुकूल पाठ्यक्रम चलाते हैं, इंटरनेशनल स्कूल सिलेबस के मुताबिक चलते हैं। हालांकि, पुस्तकों का चुनाव स्कूल को स्वयं करना होता है। इस प्रकार के पाठ्यक्रम चलाने के लिए अत्यंत प्रशिक्षित शिक्षकों एवं डिफरेन्ट क्लासरूम (विशिष्ट माहौल युक्त कक्षाएं) की जरूरत होती है।
इसके अलावा, धार्मिक संप्रदायों की ओर से संचालित अत्यंत सफल गुरुकुल शिक्षा के साथ आध्यात्मिक वातावरण का विकल्प भी प्रदान करते हैं। हमारी सुप्रसिद्ध SGVP स्कूल ने खेल, विज्ञान और आध्यात्म के त्रिविध संगम के आधार पर समाज को बेहद कुशल और काबिल विद्यार्थियों की सौगात दी है। गुरुदेव श्री माधवप्रियस्वामी एवं पूज्य बालस्वामी कक्षा की संवेदनशीलता तक पहुंचकर बच्चों को वैश्विक प्रतियोगी बनाने के वास्ते निरंतर प्रयासरत हैं। केन्द्र सरकार की ओर से संचालित राजीव गांधी ओपन स्कूल का एक विशेष महत्व है। सरकार की ओर से संचालित आश्रम स्कूलें नगण्य खर्च में बच्चों को पढ़ाती हैं। संस्कृत में करियर निर्माण की रुचि रखने वाले बच्चों के लिए संस्कृत पाठशालाएं स्नातक स्तर तक की शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराती हैं।